यादों के झरोखे से लेखनी कहानी मेरी डायरी-14-Nov-2022 भाग 23
11 मई २०२२
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ग्यारह मई को मुम्बई जाने का प्रोग्राम बन गया और मै मेरी पत्नी व बेटी दामाद व उनके बच्चे राजधानी एक्सप्रैस से हजरत निजामुद्दीन स्टेशन से रवाना होगये।
हम 12 मई को सबह वहाँ पहुँच गये। वहाँ पर बेटा रहता है । 13 मई को मेरे पोते का जन्म दिन था। बेटे ने सुसाइटी मे जन्मदिन मनाने का प्रोग्राम कर रखा था। वही पर खाने का प्रोग्राम था।
उस दिन शाम को केक काटा गया सभी ने मिलकर पोते के जन्म दिवस को सेलीबरेट किया। बच्चौ ने खूब धमाल मचाया। उसके बाद खाने का भी प्रोग्राम था।।
14 मई को हमारी शादी की शालिग्रह थी अतः शाम को फिर से केक काटकर सभी ने शुभकामनाए दी 15 मई को हम सभी इस्कान मन्दिर गये इस्काॅन मन्दिर मे दर्शन करके वहाँ से जू गये ।
जू में जाकर वहाँ पर चीते को देखा उस दिन कोई छुट्टी होने के कारण वहाँ पर बहुत भीड़ थी।
सभी ने जू में घूमकर मगर मच्छ हिरन कोयल तरक्ष तरह के तोते और बहुतसे विदेशी पक्षी भी देखे। वहाँ सभी ने खूब मौज मस्ती की बच्चे बहुत खुश नजर आरहे थे। इस तरह उस दीन पूरे दिन मस्ती करते हुए बीता। शाम को थक हारकर घर आये।
अघले दिन मेरी दोहती का जन्म दिन था। उसके जन्मदिन को बिशेष बनाने हेतु हम पति पत्नी कके अलावा सभी सदस्य बीच पर घूमने चलेगये।
हम पहले दिन बहुत थक गये थे इस लिऐ हम दोनौ नहीं गये। जब यह बापिस आरहे थे तब हाईवे पर जाम मिला। अब यह जाम में बुरी तरह फस चुके थे। यह सभी लगभगदो घन्टे उस जाम में फसे रहे।
यह सभी शाम को दस बजे के बाद घर पहुँचे। और तब आकर दोहती के जन्मदिन का केक काटा गया। खाना भी आन लाइन मंगा रखा था इस तरह तीन चार दिन तक लगातार कोई न कोई प्रोग्राम चलता रहा। इन दिनों का पता ही नही चला कब ब्यतीत होगये।
आगे का वर्णन अगले भाग में पढि़ये।
यादों के झरोखे से २०२२
नरेश शर्मा " पचौरी
Radhika
05-Mar-2023 08:05 PM
Nice
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shweta soni
03-Mar-2023 10:05 PM
बहुत सुंदर 👌
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अदिति झा
03-Mar-2023 02:30 PM
Nice 👍🏼
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